Monday, November 2, 2009

चुनावी जमीन तलाशने निकले खंण्डूड़ी



राजेन्द्र जोशी

देहरादून । मुख्यमंत्री निशं े द्वारा श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लडऩे ी घोषणा े साथ ही जहां यह सीट अब हाई प्रोफाईल होने जा रही है वहीं मुख्यमंत्री ी घोषणा ने ई दिग्गज नेताओं े यहां से विधाय बनने े अरमानों पर पानी फेर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह ि उने यहां से चुनाव लडऩे पर िसी ो भी अब संदेह नहीं होना चाहिए क्योंि उनी विधानसभा थैेलीसैंण ा अधिांश हिस्सा नये परिसीमन े बाद श्रीनगर विधानसभा में आ गया है लिहाजा यहां से चुनाव लडऩे ो लेर उनी दावेदारी पहली होने े साथ ही पुख्ता भी है। गौरतलब हो ि बीते दो दिन पूर्व श्रीनगर े बैुण्ठ चर्तुदशी मेले े उद्घाटन े दौरान प्रदेश े मुख्यमंत्री डा0 निशं ने सार्वजनि रूप से यह र भाजपा ई नेताओं ी श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लडऩे ी हसरतों पर पानी फेर दिया ि अब वे यहीं से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होने यह भी साफ-साफ हा ि उने इस निर्णय पर िसी ो संदेह भी नहीं होना चाहिए, तीर से ई निशाने भी साधे हैं। भाजपा द्दावर नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंण्डूड़ी भी शामिल हैं बताया जाता है ि वे भी यहां से चुनाव लडऩे ा ताना बाना बुन रहे थे। क्योंि गढ़वाल क्षेत्र में र्णप्रयाग तथा श्रीनगर ही दो ऐसी विधानसभा सीटें हैं जो ब्राहमण बाहुल्य हैं, और पूर्व मुख्यमंत्री इन सीटों से चुनाव लडऩे ो ज्यादा मुफीद समझ रहे थे। लेिन र्णप्रयाग े विधाय अनिल नौटियाल ो गढ़वाल मंडल विास निगम ा अध्यक्ष बनार निंश ने उनो बढ़ा2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव ा रास्ता साफ र दिया है। जबि पूर्व मुख्यमंत्री ी धूमाोट विधानसभा अब नये परिसीमन े बाद चौबट्टाखाल े नाम से जानी जायेगी और यह सीट राजपूत बाहुल्य है। वहीं बदले समीरणों े बाद इस सीट पर पूर्व राज्य मंत्री व सांसद सतपाल महाराज ी धर्मपत्नी अमृता रावत े चुनाव लडऩे ी पूरी संभावना है, राजपूत बाहुल क्षेत्र होने ारण अमृता रावत खंण्डूड़ी ो आसानी से शिस्त दे सती है। यही ारण है ि पूर्व मुख्यमंत्री ो अब इस सीट से जीतने ा भरोसा भी नहीं रह गया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री $गृह नगर पौड़ी ी विधानसभा सीट भी आरक्षित हो चुी है लिहाजा यहां से चुनाव लडऩे ी संभावना भी समाप्त हो गयी है। जहां त अब श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लडऩे ी घोषणा ी बात ी जाये तो चर्चा तो यहां त है ि पूर्व मुख्यमंत्री गढ़वाल दौरे े वापसी े दौरान ही अपनी इस इच्छा ो सार्वजनि भी रने वाले थे ि निशं ने उनसे पहले यह घोषणा र उनो ऐसी पटखनी दी ि वे चारों खाने चित्त हो गये। भाजपा े ही ुछ लोगों हना है ि खंण्डूड़ी इस घोषणा ो श्रीनगर में ही ए जनसभा में रने वाले थे। सूत्रों हना है ि इस सभा में पूर्व मुख्यमंत्री खंण्डूडी िसी भाजपा ार्यर्ता द्वारा स्वयं ो यहां से लड़वाने ा प्रस्ताव रखवाना चाह रहे थे लेिन इससे पहले मुख्यमंत्री निशं ने घोषणा र फिर उन्हे बै फुट पर ला खड़ा र दिया है। निशं द्वारा अचान इस तरह ी घोषणा से खंण्डूड़ी तबा सन्न है। वह अब िसी और नये ठिाने ी तलाश में जुट गया है। राजनीति विश£ेषों ा मानना है ि खण्डूड़ी द्वारा गढ़वाल क्षेत्र े पर्वतीय जिलों ी दौड़ ा मसद भी दो साल बाद आने वाले विधानसभा चुनाव लिए जमीन तलाशना है। हालांि उने इस दौरे में टिहरी और उत्तराशी जिलों े दौरे ी तरह ोई क्षेत्रीय विधाय या मंत्री तो नहीं दिखायी दिया लेिन चर्चा तो यहां त है ि इन जिलों े क्षेत्रीय विधायों ने पूर्व मुख्यमंत्री े दौरे ो लेोई दिलचस्पी नहीं ली है।

Saturday, October 17, 2009

25 भाजपा नेताओं को मिला दीपावली में लाल बत्ती का तोहफा

राजेन्द्र जोशी

देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशं ने दीपावली से ठी दिन पूर्व शुक्रवार ो विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों एवं अभिरणों में 25 प्रमुख लोगों ो दीपावली ा तोहफा दिया है। इसमें ई भाजपा संगठन े पदाधिारी भी शामिल हैं। जिन्होने अभी भाजपा संगठन े महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों त ो नहीं छोड़ा है। उम्मीद ी जा रही है ि अब इसे बाद भाजपा संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन होगा। क्योंि भाजपा े तीनों महामंत्रियों ो इस सूची में शामिल िया गया है। इनमें से ई दायित्वधारियों ो पूर्व मुख्यमंत्री खंण्डूड़ी े शासनाल में आवंटित विभाग ही दिये गये हैं। जिन्हे इस सूची में भी शामिल िया गया है।

बीती शु्रवार ो जारी सूची में भाजपा े वरिष्ठ नेता मनोहर ांत ध्यानी ो राज्य योजना आयोग ा उपाध्यक्ष, पूरनचन्द्र शर्मा ो अध्यक्ष ृषि उत्पादन मंडी परिषद, बलराज पासी ो अध्यक्ष उत्तराखण्ड बीज प्रमाणीरण एजेंसी, पहले भाजपा प्रदेश महामंत्री अजय भट्ट ो अध्यक्ष राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहार परिषद, दूसरे प्रदेश महामंत्री े रूप में ार्यरत तीरथ सिंह रावत अध्यक्ष उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन सलाहार समिति और तीसरे प्रदेश महामंत्री संगठन नरेश बंसल ो अध्यक्ष आवास विास परिषद बनाया गया है। जबि श्रीमती गोविन्दी ोरंगा अध्यक्ष प्रादेशि बाल विास बोर्ड, र्णप्रयाग क्षेत्र े विधाय अनिल नौटियाल ो अध्यक्ष गढ़वाल मण्डल विास निगम, भिियासैंण े विधाय सुरेन्द्र सिंह जीना ो अध्यक्ष ुमायूं मण्डल विास निगम, सूरत राम नौटियाल उपाध्यक्ष चारधाम विास परिषद, खंण्डूड़ी सरार में बीना मंत्री रहे बंशीधर भगत ो उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय बीस सूत्रीय ार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, नारायण सिंह राणा अध्यक्ष राज्य स्तरीय क्रीडा परिषद, प्रेम बुड़़ाोटी उपाध्यक्ष खादी एवं ग्रामोद्योग, ज्ञान सिंह नेगी अध्यक्ष राजीय औद्योगि प्रशिक्षण सलाहार समिति, अनुसूइया प्रसाद भट्ट अध्यक्ष श्री बदरीनाथ-ेदारनाथ मंदिर समिति, रघुनाथ सिंह चौहान उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय लघु सिंचाई अनुश्रवण परिषद, िशन चन्द पुनेठा उपाध्यक्ष राज्य जैवि उत्पाद परिषद, श्यामवीर सैनी उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय उद्यमिता विास सलाहार समिति, ज्योति गैरोला अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन विास निगम, चमन लाल वाल्मीि उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय मत्स्य पाल विास अभिरण, पहली बार दायित्व से नवाजे गये पंज सहगल अध्यक्ष वाणिज्य र सलाहार समिति, विजय मण्डल उपाध्यक्ष बहुउद्देशीय वित्त विास निगम, मजहर नई नवाब उपाध्यक्ष राज्य अल्पसंख्य आयोग, मोहन लाल बौठियाल ो अध्यक्ष जलागम प्रबन्ध परियोजना अनुश्रवण विास परिषद, डॉ. बालेश्वर पाल ो उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति ा दायित्व दिया गया है। तीनों प्रदेश महामंत्रियों ो इस सूची में शामिल िये जाने ई अर्थ लगाये जा रहे हैं।

भाजपा नेताओं में चर्चा है ि अब भाजपा संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन होने वाला है। वहीं भाजपा लोगों में इस बात ो लेर भी चर्चा है ि ऐसा पहली बार हुआ है जब संगठन े पदों पर बैठे नेताओं ो सरार में भी दायित्व दिया गया है। जबि इससे पूर्व संगठन मंत्रियों ो इस तरह े पदों पर बैठाने से पूर्व दो साल इंतजार रने ा नियम बनाया गया था यही ारण है ि भाजपा े संगठन में ार्य र चुई पूर्व पदाधिारियों में इस बात ो लेर रोष है ि तो इन्हे क्यों नहीं मौा दिया गया। इतना ही नहीं भाजपा में इस बात ो लेर भी रोष है ि बीते 2002 े विधानसभा चुनाव े दौरान ेन्द्र से प्रदेश ो मिले चुनाव खर्च े लिए आये 27 लाख रूपयों े गबन े मामले में आरोपी रहे पदाधिारियों त ो संगठन में स्थान दिये जाने से भाजपा ी प्रतिष्ठा ो ठेस पहुंच रही है। जबि चर्चा है ि ऐसे लोगों ो संगठन में शामिल िये जाने े पीछे पूर्व महत्पूर्ण नेता ा हाथ है। वहीं इस बात ो लेर भी चर्चाओं ा बाजार गर्म है ि ुछ नेताओं ने वर्तमान मुख्यमंत्री पर दबाव डालर उनसे दायित्व छीने हैं जबि पिछली खंण्डूड़ी सरार ार्याल े दौरान उनी उपलब्धियां शून्य तो थी ही साथ ही ऐसे लोगों पर सरारी खजाने ा खुले हाथ इस्तेमाल रने ा भी आरोप है। ऐसे में ए बार फिर ऐसे ही लोगों ो दायित्व देर भाजपा प्रदेश े जनता ो मितयव्यता े मामले में क्या जवाब देगी।