Thursday, January 8, 2009

गुलदार बढ़ने से प्राणी प्रेमी खुश


वन प्राणियों को चाहने वालों के लिए उत्तराखण्ड की वादियां अपने आप ही आकर्षित कर रही हैं वहीं गजराजांे व विभिन्न जातियों के जंगली जानवरों के साथ गुलदारों को देवभूमि का जंगल भा गया है तभी तो एक वर्ष में करीब 70 गुलदारों के मरने के बावजूद इनके कुनबे में करीब साढ़े तीन सौ का इजाफा हुआ है। इस साल के अंत में कराई गई गणना के मुताबिक इनकी संख्या 2343 हो गई है। जंगली जानवरों में सबसे खतरनाक और फुर्तीले माने जाने वाले गुलदारों की संख्या तो वैसे सभी वन वृत्त क्षेत्रों में पाई गई है। लेकिन आंकड़ों को देखकर यही कहा जा सकता है कि उत्तरी कुमाऊं वृत्त में आने वाला जंगल इनको कुछ अधिक ही सुरक्षित व सुहावना लगा है। तभी तो इस क्षेत्र में इनकी संख्या सर्वाधिक 514 पाई गई है। जबकि सबसे कम संख्या यमुना वृत के जंगलों में देखने को मिली है। गौरतलब है कि अब तक वन्य जीवों की गणना द्विवार्षिक होती थी, लेकिन इनकी संख्या घटने की खबरों से परेशान प्रबंधकों ने अब हर साल गणना कराने का निर्णय लिया है ताकि प्रबंधन में जहां भी चूक हो उसे तत्काल दुरूस्त किया जा सके। इसी बीच बीते साल में वन्य जीवों में सबसे अधिक मौत गुलदारों की ही होने की खबर ने वन्य जीव प्रबंधन से जुडे वनअधिकारियों को बेचैन कर दिया था, लेकिन जब उनकी गणना कराई गई तो इनकी संख्या में इजाफे से अधिकारियों को राहत पहुंची है। बीते माह में ही पूरी हुई गणना में सबसे अधिक गुलदार उत्तरी कुमाऊं वृत्त में पाये गए हैं। यहां पर इनकी संख्या 514 है, जिसमें से 229 नर व 215 मादा और 70 बच्चे हैं, जबकि दूसरे नम्बर पर है भागीरथी वृत्त, जहां पर गुलदारों की संख्या 516 है। इनमें नर 218 व 164 मादा व बच्चे 122 हैं जबकि 12 गुलदारों के श्रेणी का पता नहीं लग पाया है। गुलदारों की संख्या के लिहाज से गढ़वाल वृत्त तीसरे पायदान पर है जहां कुल 383 गुलदार मिले हैं। इनमें 106 नर, 110 मादा, 62 बच्चे और 105 अज्ञात शामिल हैं। राजाजी राष्ट्रीय पार्क चैथे स्थान पर है जहां 247 गुलदारों में से 108 नर, 118 मादा, 20 बच्चे और एक गुलदार अज्ञात मिले हैं। इसमें गोविन्द वन्य जीव विहार की संख्या भी शामिल है। शिवालिक वृत्त में भी 178 गुलदार पाए गए हैं, जिनमें से नर मादा की संख्या 28-28 है और 9 बच्चे व एक अज्ञात है। जबकि नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व में 176 गुलदार मिले हैं जिनमें 33 नर व 62 मादा के अलावा 29 बच्चे और 52 अज्ञात शामिल हैं। उधर कार्बेट रिजर्व में इनकी संख्या जरूर कम है। यहां पर सिर्फ 130 गुलदार पाए गए हैं। इनमें से 48 नर, 66 मादा, 9 बच्चे और 7 अज्ञात हैं। मैदानी व तराई क्षेत्र में पड़ने वाले पश्चिमी वृत्त में तो 47 नर व 48 मादा और 4 बच्चों को मिलाकर इनकी संख्या मात्रा 99 ही पाई गई है। जबकि दक्षिणी कुमांऊ वृत्त नैनीताल के जंगलों में मात्रा 66 गुलदार मिले हैं, जिनमें से 27 नर व 30 मादा के अलावा 9 बच्चे पाए गए हैं। इसी प्रकार यमुना वृत्त देहरादून के जंगलों में मात्र 34 गुलदारों की पहचान की गई है। इनमें से नर की संख्या मात्रा 5 व मादा की 4 व बच्चे 3 और अज्ञात 22 शामिल हैं। प्रदेष के मुख्य वन्य जीव संरक्षक श्री कांत चन्दोला ने प्रदेष के जंगलो ंमें गुलदारों की बढ1ती संख्या पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह सब वन्य जीवों के प्रति लोगों के नरम व्यवहार का ही नतीजा है।

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