राजेन्द्र जोशी
देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने दीपावली से ठीक एक दिन पूर्व शुक्रवार को विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों एवं अभिकरणों में 25 प्रमुख लोगों को दीपावली का तोहफा दिया है। इसमें कई भाजपा संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हैं। जिन्होने अभी भाजपा संगठन के महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों तक को नहीं छोड़ा है। उम्मीद की जा रही है कि अब इसके बाद भाजपा संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन होगा। क्योंकि भाजपा के तीनों महामंत्रियों को इस सूची में शामिल किया गया है। इनमें से कई दायित्वधारियों को पूर्व मुख्यमंत्री खंण्डूड़ी के शासनकाल में आवंटित विभाग ही दिये गये हैं। जिन्हे इस सूची में भी शामिल किया गया है।
बीती शुक्रवार को जारी सूची में भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर कांत ध्यानी को राज्य योजना आयोग का उपाध्यक्ष, पूरनचन्द्र शर्मा को अध्यक्ष कृषि उत्पादन मंडी परिषद, बलराज पासी को अध्यक्ष उत्तराखण्ड बीज प्रमाणीकरण एजेंसी, पहले भाजपा प्रदेश महामंत्री अजय भट्ट को अध्यक्ष राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार परिषद, दूसरे प्रदेश महामंत्री के रूप में कार्यरत तीरथ सिंह रावत अध्यक्ष उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन सलाहकार समिति और तीसरे प्रदेश महामंत्री संगठन नरेश बंसल को अध्यक्ष आवास विकास परिषद बनाया गया है। जबकि श्रीमती गोविन्दी कोरंगा अध्यक्ष प्रादेशिक बाल विकास बोर्ड, कर्णप्रयाग क्षेत्र के विधायक अनिल नौटियाल को अध्यक्ष गढ़वाल मण्डल विकास निगम, भिकियासैंण के विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना को अध्यक्ष कुमायूं मण्डल विकास निगम, सूरत राम नौटियाल उपाध्यक्ष चारधाम विकास परिषद, खंण्डूड़ी सरकार में कबीना मंत्री रहे बंशीधर भगत को उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, नारायण सिंह राणा अध्यक्ष राज्य स्तरीय क्रीडा परिषद, प्रेम बुड़़ाकोटी उपाध्यक्ष खादी एवं ग्रामोद्योग, ज्ञान सिंह नेगी अध्यक्ष राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण सलाहकार समिति, अनुसूइया प्रसाद भट्ट अध्यक्ष श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, रघुनाथ सिंह चौहान उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय लघु सिंचाई अनुश्रवण परिषद, किशन चन्द पुनेठा उपाध्यक्ष राज्य जैविक उत्पाद परिषद, श्यामवीर सैनी उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय उद्यमिता विकास सलाहकार समिति, ज्योति गैरोला अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन विकास निगम, चमन लाल वाल्मीकि उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय मत्स्य पालक विकास अभिकरण, पहली बार दायित्व से नवाजे गये पंकज सहगल को अध्यक्ष वाणिज्य कर सलाहकार समिति, विजय मण्डल उपाध्यक्ष बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम, मजहर नई नवाब उपाध्यक्ष राज्य अल्पसंख्यक आयोग, मोहन लाल बौठियाल को अध्यक्ष जलागम प्रबन्ध परियोजना अनुश्रवण विकास परिषद, डॉ. बालेश्वर पाल को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति का दायित्व दिया गया है। तीनों प्रदेश महामंत्रियों को इस सूची में शामिल किये जाने के कई अर्थ लगाये जा रहे हैं।
भाजपा नेताओं में चर्चा है कि अब भाजपा संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन होने वाला है। वहीं भाजपा के लोगों में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब संगठन के पदों पर बैठे नेताओं को सरकार में भी दायित्व दिया गया है। जबकि इससे पूर्व संगठन मंत्रियों को इस तरह के पदों पर बैठाने से पूर्व दो साल इंतजार करने का नियम बनाया गया था यही कारण है कि भाजपा के संगठन में कार्य कर चुके कई पूर्व पदाधिकारियों में इस बात को लेकर रोष है कि तो इन्हे क्यों नहीं मौका दिया गया। इतना ही नहीं भाजपा में इस बात को लेकर भी रोष है कि बीते 2002 के विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्र से प्रदेश को मिले चुनाव खर्च के लिए आये 27 लाख रूपयों के गबन के मामले में आरोपी रहे पदाधिकारियों तक को संगठन में स्थान दिये जाने से भाजपा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है। जबकि चर्चा है कि ऐसे लोगों को संगठन में शामिल किये जाने के पीछे पूर्व महत्पूर्ण नेता का हाथ है। वहीं इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि कुछ नेताओं ने वर्तमान मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर उनसे दायित्व छीने हैं जबकि पिछली खंण्डूड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान उनकी उपलब्धियां शून्य तो थी ही साथ ही ऐसे लोगों पर सरकारी खजाने का खुले हाथ इस्तेमाल करने का भी आरोप है। ऐसे में एक बार फिर ऐसे ही लोगों को दायित्व देकर भाजपा प्रदेश के जनता को मितयव्यता के मामले में क्या जवाब देगी।
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