Monday, December 1, 2008

जल्द ही प्रदेश का अपना एटीस व आतंकवादी निरोधक कानून



राजेन्द्र जोशी
आगामी एक साल बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले प्रदेश सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों से लडऩे के लिए सख्त कानून बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार के आला अधिकारी तमाम राज्यों में बने इस कानून के अध्ययन के साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय से भी इस बावत जानकारी एकत्रित कर रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद राज्य सरकार को भी आतंकवाद से निपटने के लिए एक अदद आतंवादी कानून की दरकार है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार यह भी चाहती है अब जो कानून बने वह इतना कठोर हो कि आतंवादी किसी भी कीमत पर बच न पाए। सरकार का मानना है कि इस राज्य में हिन्दुओं के पवित्र स्थलों के साथ ही मुस्लिम समुदाय तथा सिक्खों के भी पवित्र स्थल तो हैं ही साथ ही यहां कई पर्यटन क्षेत्र भी है जंहां प्रत्येक साल करोड़ों तीर्थयात्री दर्शनों के लिए आते रहे हैं। जिन्हे आतंकवादी अपना निशाना बना सकते हैं। लिहाजा अब इन्हे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता है। वैसे प्रदेश सरकार ने फौरी तौर पर इन स्थानों पर गुप्तचरों की व्यवस्था के साथ ही इन क्षेत्रो ंमें सशस्त्र बलों तक को निगरानी पर लगा दिया है। प्रदेश सरकार ने उम्मीद जताई है कि आगामी वर्ष 2010 में महाकुंभ के दौरान लगभग 10 करोड़ श्रद्घालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे में आतंकवादी घटनाओं को देखते हुए सरकार चुप नहीं बैठ सकती। हांलांकि प्रदेश सरकार का यह भी मानना है कि अभी तक राज्य में आतंवाद की जड़े नहीं हैं लेकिन सुरक्षा पहले ही कर दी जाए तो बेहतर होगा। राज्य सरकार चाहती है कि श्रद्घालुओ ंकी सुरक्षा और कड़ी होनी चाहिए। सरकार ने हरिद्वार के अलावा भारतीय सैन्य अकादमी, भारतीय प्रशासनिक अकादमी, सर्वे आफ इंडिया, सहित तेल एवं प्राकृतिक तेल एव गैस आयोग आदि की सुरक्षा और कड़ी करने का निर्णय भी लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार काफी पहले से ही आतंकवाद के खिलाफ क ठोर कानून बनाने पर विचार कर रही थी लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से उसे हरी झंडी़ नही मिल पा रही हैँ मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले के बाद अब केन्द्र सरकार को भी कठोर कानून की याद आयी है तो राज्य सरकार ने भी इस पर होमवर्क शुरू कर दिया है। केन्द्र से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार अपनी आतंकवादी निरोधक दस्ता एटीएस बनाने की ओर चल पड़ी है। जिसकी रूपरेखा े कुछ ही दिनों में तैयार होने की उम्मीद है। इस मामले पर मुख्यमंत्री भी काफी सक्रियता से होमवर्क में जुट गए हैं कि इसे जल्द से जल्द तैयार कराया जाय, और महांकुंभ से पहले राज्य सरकार इसका गठन करें।

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