Saturday, November 1, 2008

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान से बवाल, ठंडी हो रही आग में बयान बना घी

राजेन्द्र जोशी देहरादून : नौ नवम्बर को प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाने वाला है लेकिन इस दिन से पहले प्रदेश भाजपा सरकार तथा संगठन में फेरबदल की पूरी संभावना है। जानकार सूत्र बताते हैं कि इस फेरबदल में कुछ विधायकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। इसके अलावा राज्य भाजपा में उत्पन्न संकट के लिए जवाबदेही भी तय की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि केन्द्रीय नेतृत्च प्रदेश प्रभारी तथा सह प्रभारी की भूमिका को इस मामले को बढ़ाने में ज्यादा जवाबदेह मानता है। यहीं कारण है कि प्रदेश भाजपा में मचे घमासान की गाज प्रदेश सह प्रभारी अनिल जैन पर गिर सकती है। क्योंकि केन्द्रीय नेतृत्व असंतुष्टïों की बार-बार दिल्ली दौड़ को इन प्रदेश प्रभारियों की विफलता भी मानने लगा है। वहीं दूसरी ओर जहां केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश में उपजे असंतोष को दबाने का प्रयास कर रहा है वहीं दूसरी ओर ऐसे मौके पर प्रदेश अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत के बयान ने एक बार फिर भाजपा में घमासान को हवा दे दी है। जिस पर भाजपा के वरिष्ठï नेताओं सहित कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत ने भी तीखी टिप्पण की है। उन्होने तथा भाजपा के वरिष्ठï नेता भगत सिंह कोश्यारी ने तो साफ कहा है कि अब प्रदेश अध्यक्ष को साफ करना होगा कि किस विधायक के माफियाओं तथा बिल्डरों से रिश्ते हैं। प्रदेश अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत के बयान कि ''विपक्ष के कुछ नेताओं तथा कुछ माफियाओं व बिल्डरों के द्वारा भाजपा सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा विधायकों को धन का प्रलोभन देकर इस्तीफा दिलवाने की खबरों पर पार्टी नेतृत्व गम्भीरता से विचार करेगा और यदि इस प्रकार की खबरों में कोई सच्चाई सामने आई तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो।ÓÓ पर भाजपा के वरिष्ठï नेता भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सागर में लहरें उठती ही रहती हैं उन्हे थामा नहीं जा सकता है। उन्होने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जो बयान दिया है वह जिम्मेदरी से दिया होगा ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को साफ करना होगा कि किन-किन विधायकों के पीछे माफिया तथा बिल्डर हैं और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और सरकार के पास तंत्र है उसके पास पूरी जानकारी होगी कि किस विधायक के संबध माफियाओं से हैं ऐसे में उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार तथा संगठन के बीच की लड़ाई और विधायकों पर भरोसा न करना इस बात का सबूत है कि भाजपा में कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है। उन्होने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के बयान से साफ हो गया है कि भाजपा सरकार व माफियाओं में कहीं न कहीं गठजोड़ जरूर है। साथ ही उन्होने कहा कि इनके झगड़े से हमारा कोई लेना देना नहीं। उन्होने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने ठोस जानकारी के आधार पर ही अपने विधायको तथा माफियाओं के बीच गठजोड़ की बात कही होगी। लिहाजा उन्हे अब उनका खलासा जनता के सामने करना होगा ताकि जनता को भी तो पता चले कि किसका कहां समपर्क है। उन्हेाने कहा कि कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि भाजपा सरकार और माफियाओं में कहीं न कहीं कोई गठजोड़ जरूर है इसी बात को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी कहा है इसका साफ मतलब है कि हमारी जानकारी सही है। कुल मिलाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान ने विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा और दे दिया है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के राजनैतिक निहितार्थ भी लगाये जाने शुरू हो गये हैं।

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