Monday, September 15, 2008

प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों का चरागाह बना राज्य

राजेन्द्र जोशी
उत्तराखण्ड प्रदेश देश के अन्य प्रान्तों से नियत समय सीमा के लिए प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों का चरागाह बनता जा रहा है यही कारण है कि यहां एक बार जो अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर आ गया वह अपने मूल प्रदेश को जाने का नाम ही नहीं लेता। यही कारण है कि प्रदेश के वन विभाग तथा इससे जुड़ी अन्य परियोजनाओं में आज भी ऐसे दर्जनों अधिकारी हैं जो यहां मौज काट रहे हैं।
गौरतलब हो कि किसी भी प्रदेश में अधिकारियों की कमी अथवा भारत सरकार के नियमों के अनुसार किसी भी प्रांत के लिए आवंटित काडर के अधिकारियों को अन्य किसी भी प्रान्त में अपनी सेवाएं देने के लिए एक नियत समय के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता रहा है। यह अवधि अधिकांशत: तीन साल के लिए ही होती है। लेकिन उत्तराखण्ड राज्य में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अधिकारी जो यहां एक बार आ जाते हैं वे यहां से जाने का नाम ही नहीं लेते हैं। यह सब केन्द्रीय आयोग तथा इन अधिकारियों की मिलीभगत से होता है। ऐसा नहीं कि यहां आने के लिए और किसी प्रदेश के और कोई अधिकारी तैयार नहीं होते हैं। एक जानकारी के अनुसार आज भी कई प्रदेशों को अपनी सेवाएं देने वालों का तांतां आयोग के समक्ष लगा रहता है। लेकिन आयोग में भी जिसकी गोटी होती है वहीं अधिकारी अपने मनचाहे प्रदेश को प्रतिनियुक्ति पा जाता है। जिसकी तय सीमा तीन साल होती हे लेकिन यहां भी अधिकारियों की सेटिंग ही काम आती है कि जिस प्रदेश में वह प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है वह प्रदेश उसके वहां सेवाएं देने क ी तय सीमा के बाद भी उस पर आपत्ति नहीं जताता, और अधिकारी उस प्रदेश में मौज काटते हैं। ऐसा ही यहां उत्तराखण्ड में हो रहा है।
भारतीय वन सेवा के दर्जनों ऐसे अधिकारी है जो तीन साल की समय सीमा पार हो जाने के बाद भी अपने मूल राज्य अथवा मूल विभाग को वापस जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं इनमें अतिरिक्त अपर प्रमुख वन संरक्षक, ग्राम वन पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधक के पद पर बीते पांच साल से तैनात एसएस शर्मा, नोडल अधिकारी भूमि सर्वेक्षण के पद पर बीते छह साल से तैनात आर के महाजन, उपपरियोजना अधिकारी जलागम के पद पर बीते चार साल से ज्यादा समय से तैनात मीनाक्षी जोशी, मुख्यवन्य जन्तु प्रतिपालक के पद पर बीते सात साल से तैनात श्रीकांत चन्दोला, डा0 सुशीला तिवारी मेमोरियल वन चिकित्सालय में सचिव पद पर बीते पांच सालों से तैनात मौलिश मलिक, मुख्य वन संरक्षक के पद पर बीते पांच साल से तैनात प्रकाश भटनागर, परियोजना निदेशक जलागम परियोजना के पद पर बीते सात साल से तैनात डीजेके शर्मा ज्योज्सना सितलिंग जो सात साल से यहां तैनात हैं।

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