पांच काबीना मंत्रियों सहित 27 विधायकों की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ से मुलाकात
राजेन्द जोशी
देहरादून । सूबे में एक बार फिर मुख्यमंत्री को हटाने को लेकर सियासत गर्मा गयी है। इस बार खण्डूरी नेतृत्व के खिलाफ भाजपा के अधिकतर विधायक खुलकर सामने आ गये हैं। रविवार को उत्तराखण्ड सरकार के पांच काबिना मंत्री सहित 27 विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की। खण्डूरी की कार्यशैली से आहत भाजपा विधायकों के इस कदम को अब तक की सबसे प्रभावी कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है। राजनैतिक दृष्टिकोण से इस मुलाकात को सत्ता परिवर्तन होने की आंशका भी जतायी जा रही है।
कोश्यारी के नेतृत्व में भाजपा के रूठे आधे से ज्यादा विधायकों ने राजनाथ सिंह से लगभग एक घण्टे की मुलाकात के दौरान अपना दुखड़ा सुनाया। इस हाईकोर मीटिंग में पूर्व उत्तराखण्ड प्रभारी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे। बताया जाता है कि इस मुलाकात ने एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। कोश्यारी खेमे के विधायकों ने खण्डूरी के खिलाफ एक बार फिर ताल ठोक दी है।
स्मरण रहे कि पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा ने कोश्यारी के नेतृत्व में चुनाव जीतकर मैदान मारा था। इनमें ज्यादातर विधायक भी कोश्यारी खेमे के थे। लेकिन केन्द्र में अपनी मजबूत पकड़ के चलते व पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी के करीबी माने जाने वाले खण्डूरी को मुख्यमंत्री पद पर आसीन कर दिया गया। इसके बाद कोश्यारी खेमे की खण्डूरी से और दुरियंा बढ़ती गयी। कई दफा तो यह दुरियां सार्वजनिक मंच पर भी दिखाई देने लगीं। बताते हैं कि कोश्यारी खेमे के सभी विधायक एक दफा पहले भी खण्डूरी नेतृत्व के खिलाफ खड़े हुए थे। लेकिन तब भाजपा आलाकमान ने उनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी। सूत्रों के अनुसार इस बार स्तिथि और विस्फोटक हो गयी है। राज्य के पांच काबीना मंत्रियों का 27 विधायकों के साथ दिल्ली कूच करना किसी बड़ी राजनैतिक उठापटक का संकेत है। और फिर इस दफा पार्टी के चाणक्य कहलाये जाने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’ भी खण्डूरी के खिलाफ खुलकर सामने आये हैं। बताया जा रहा है कि निशंक अपनी गैरमौजूदगी में श्रीनगर मेडिकल कालेज के लोकार्पण किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री से काफी समय से नाराज चल रहे थे। भाजपा विधायकों का दिल्ली दौरा भी इसी नाराजगी का कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार माने जा रहे कोश्यारी को इस बार मुख्यमंत्री की दौड़ में षामिल काबीना मंत्री निशंक का पूरा सहयोग प्राप्त है। ऐसे में इस बार सीएम का ताज भगतदा को मिलता है तो कोई आष्चर्य की बात नहीं होगी।
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