Monday, July 14, 2008

शक्ति प्रदर्शनों का दौर शुरू निशाने पर मुख्यमंत्री



राजेन्द्र जोशी

प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के एक सप्ताह के विदेश दौरे से लौटने के बाद जौलीग्रान्ट हवाई अड्डïे पर उनके स्वागत के लिये विधायकों और अन्य पार्टी नेताओं की भारी तादाद ने मुख्यंत्री भुवन चन्द्र खण्डूड़ी के कान खड़े कर दिए हैं कि वे उन्हे हल्के में न लें। जबकि इससे पहले बीते साल भगत सिंह कोश्यारी ने भी इसी तरह का शक्ति प्रदर्शन कर पार्टी तथा सरकार को चेताया था कि अभी उनकी राजनीतिक धार कुंद नहीं हुई है। इन प्रदर्शनों के शुरू हुए दौर के निशाने पर मुख्यमंत्री ही रहे हैं यह जन सैलाब इन नेताओं के समर्थकों द्वारा केन्द्रीय नेताओं क ो यह बताने का प्रयास था कि जनता जिसके साथ होती है वही नेता होता है सरकार में बैठने से कोई जननायक नहीं हो जाता। उत्तराखण्ड के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का बीते सप्ताह जर्मनी, हालैण्ड, नार्वे एवं फ्रांस की हफ्ते की यात्रा से लौटने के बाद यहां जौलीग्रांट हवाई पट्टी पर उनके समर्थकों ने जिस तरह स्वागत किया उससे प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा के अन्दर एक और सत्ता संघर्ष की शुरुआत माना जा रहा है। निशंक समर्थकों द्वारा किया गया यह शक्ति प्रदर्शन इस लिये भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उनकी अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने बीती सात जुलाई को श्रीनगर गढ़वाल में सरकारी मेडिकल कालेज का उदघाटन कर दिया था। जबकि निशंक तथा मुख्यमंत्री के सचिव प्रभात कुमार सारंगी व चिकित्सा शिक्षा सचिव विजेन्द्र पाल के बीच बैठक में इसके उदघाटन पर 10 जुलाई की सहमति बनी थी। यही कारण था कि निशंक ने विदेश यात्रा से 12 जुलाई को वापस आने के कार्यक्रम में परिवर्तन कर अपनी टिकट 9 जुलाई की करवाई थी ताकि वे 10 जुलाई की मध्य रात्रि दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे श्रीनगर पहुंच सकते थे। उत्तराखण्ड तथा उत्तरप्रदेश तक में आज तक विदेश यात्रा से लौटने पर प्रदेश के किसी भी मंत्री का इस तरह स्वागत नहीं हुआ। यहां तक कि वरिष्ठ राजनेताओं को किसी मंत्री का स्वदेश वापसी पर इस तरह स्वागत होना याद नहीं है। इसलिये निशंक के लिए हवाई अड्डïे से लेकर देहरादून के यमुना कालोनी तक के इस स्वागत यात्रा को मुख्यमंत्री खण्डूड़ी तथा निशंक के बीच सीधे-सीधे शक्ति प्रदर्शन के रूप में माना जा रहा है। मुख्यमंत्री खेेमे के लिये चिन्ता का विषय यह है कि निशंक का स्वागत करने पार्टी के ड़ेढ दर्जन विधायक तथा कई वरिष्ठ भाजपा नेता तक हवाई पट्टी पर गये थे। इनमें शिक्षा मंत्री मदन कौशिक भी थे। भाजपा के साथ ही सहयोगी दल उक्रांद का एक विधायक भी जौलीग्रांट पहुंचा हुआ था। निशंक के स्वागत के लिये पंहुंचे भाजपा विधायकों में विजयसिंह पंवार,गोपाल सिंह रावत, बृजमोहन कोटवाल,श्रीमती आशा नौटियाल, गणेश जोशी, राजकुमार एवं सुरेशचन्द जैन के अलावा कोटद्वार के शेलेन्द्र रावत और कर्णप्रयाग के अनिल नौटियाल हवाई पट्टी पर स्वागत के बाद तत्काल लौट गये थे। तीन घण्टे बाद निशंक जब यमुना कालोनी स्थित अपने सरकारी आवास पहुंचे तो वहां प्रदेश अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत, प्रदेश संगठन महामंत्री नरेश बंसल, महामंत्री तीरथसिंह रावत और अजय भट्ट संगठन मंत्री धनसिंह रावत पूर्व प्रवक्ता बृजभूषण गैरोला आदि हाथों में गुलदस्ता लिए उनके स्वागत के लिये खडे ़थे। इस शक्ति प्रर्दशन को पार्टी के अन्दर नये समीकरणें की शुरुआत के तौर पर भी माना जा रहा है। इस कार्यक्रम में कोश्यारी समर्थकों की भी अच्छी खासी भीड़ देखी गयी। जिससे अब अनुमान लगाया जा रहा है कि खण्डूड़ी के खिलाफ ये दोनो अब मिल कर मोर्चा खोलेंगे। भाजपा सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री की फौजी शैली पार्टी को काफी मंहंगी पड़ रही है। जनता तो रही दूर मुख्यमंत्री से पार्टी के प्रदेश स्तर के नेताओं का मिलना भी कठिन हो गया है तथा उनके आस पास की अफसरों की चौकड़ी ने सरकार की छवि को धूमिल कर दिया है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि मुख्यमंत्री को बरगलाने में 2002 में चुनाव के लिए आए 54 लाख रूपए पुराने भाजपा कार्यालय राजपुर रोड़ से गायब करने वाले एक दायित्वधारी की ही प्रमुख भूमिका है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार जब मुख्यमंत्री के मुंह लगे एक अधिकारी ने निशंक के विभाग की उपलŽिधयों की प्रेस विज्ञप्ति जारी की तो निशंक ने इस हस्तक्षेप की जानकारी हाइकमान को देकर चुप्पी साध ली थी लेकिन उनके लिये हालात तब असहनीय हो गये जब मुख्यमंत्री ने निशंक की अनुपस्थिति का लाभ उठाते हुय बीती सात जुलाई को ही मेडिकल कालेज का उदघाटन कर दिया। उनके विभाग की गति विधियों की की प्रेस विज्ञप्ति जारी करना तथा उसी विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कालेज के उदघाटन से भी निशंक को दूर रखने को निशंक ने अपने पर खण्डूड़ी का सीधा हमला माना। वहीं भाजपा के ही कुछ नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री के कुछ चाटुकार सलाहकार ही मुख्यमंत्री को गुमराह करने पर लगे हैं, अन्यथा मेडिकल कालेज का उदघाटन तीन दिन बाद भी तो किया जा सकता था। उल्लेखनीय है कि बीते साल खण्डूड़ी की कार्यश्षैली से क्षुŽध पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी विरोध स्वरूप पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने मध्य प्रदेश जाने के बजाय हिमालय पर चले गये थे और उन्होंने भी देहरादून वापसी पर कुछ इसी तरह का जबरदस्त कार्यक्रम करा कर खण्डूड़ी अपनी ताकत का अहसास करा दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पहले ही प्रतिपक्ष के नेता के हमलों से चोट खाये हुए मुख्यमंत्री खण्डूड़ी के गले एक और मुसीबत पडऩे जा रही है, जबकि सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द मंडराने वाले उनके चाटूकार सलाहकार उन्हे उन्ही के पार्टी के नेताओं तथा हितचिन्तकों से दूर करने पर लगे हैं।

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