राजेन्द्र जोशी
देहरादून : राजधानी देहरादून राज्य बनने के बाद से अब तक कुख्यात अपराधियों, भू-माफियाओं तथा पुलिस के कुछ आलाअधिकारियों व सफेदपोशों के गठबंधन से बाहर नहीं निकल पायी है। यही कारण है कि राजधानी देहरादून सहित समीपवर्ती क्षेत्रों में इस गठबंधन ने कई नामी-बेनामी सम्पत्तियों पर अपना क?जा जमा रखा है और आए दिन सम्पत्ति विवाद को लेकर किसी न किसी की हत्या भी होती रही है। मामले में पुलिस जांच भी होती है लेकिन इसका परिणाम सिफर ही मिलता है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी देहरादून तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाशों का राज्य निर्माण से पहले भी चोली दामन का साथ रहा है। यहां तैनात पुलिस तथा भू माफियाओं से इनसे सबंध भी जगजाहिर हैं। लेकिन राज्य पुलिस इनके खिलाफ कार्यवाही करने से बचती रही है। राज्य बनने के बाद भी प्रदेश पुलिस के कई आला अधिकारियों पर आरोप था कि उनके ऐसे लोगों से संबध भी रहे हैं और यह कई बार की खुफिया जांच के बाद यह बात पुख्ता होकर निकली भी है। लेकिन अब तो उत्तराखण्ड में कार्यरत् कई उत्तरप्रदेश के कई पुलिसकर्मी अपने राज्य को जा चुके हें लेकिन अब कैसे और किनसे इनका यहां संबध है किसी को नहीं पता। वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऐसे अपराधी जिन्होने अपने ठौर-ठिकाने यहां बना लिए हैं, वह पश्चिमी उत्तरप्रदेश में वारदात करने के बाद देहरादून क्षेत्र में ही छिपने के लिए मुफीद मानते हैं।
पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कुख्यात अपराधी जितेन्द्र सिरोही, सुशील मूंछ, सुनील राठी, लक्क ड़पाला,यशपाल राठी तथा धर्मेन्द्र आदि जैसे कई नाम हैं जो पश्चिम यूपी के हार्ड कोर िमिनलों में शुमार किये जाते हैं। सूत्रों के अनुसार इन बदमाशों ने अपनी दहशत का नजारा दिखाकर तथा यहां के भू माफियाओं से मिलकर देहरादून तथा आसपास के कस्बों तक में करोड़ाें की सम्पत्ति भू-माफियाओं से साथ मिलकर इकठ्ठी कर ली है। सूत्रों ने बताया है कि इसमें सीएमआई हास्पीटल के साथ लगे एक होटल का स्वामी जो कभी ऋषिकेश के क्षेत्र रोड़ पर मामूली जूते की दुकान चलाता था,भी शामिल बताया गया है। लोगों का कहना है कि मात्र दस साल के भीतर यह मामूली दुकानदार एकाएक कैसे अरबपति हो गया जांच का विषय है। जिसने इन बदमाशों की आड़ में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई और शहरों से लेकर दिल्ली तक में अरबों रूपए की भू-सम्पत्ति तथा आलीशान मकान तक क ौडियों के भाव खरीदे हैं।
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि बीते तीन साल पहले ऋषिकेश का ही एक मिर्गीरोग विशेषज्ञ बताने वाला डाक्टर जब प्रतिबंधित दवाओं को रखने के आरोप में तीन साल पहले जेल की सलाखों के डाला गया था और जिसका तमाम पैसा इसी भू-माफिया के द्वारा ऋषिकेश नगर क्षेत्र सहित देहरादून में लगा था, ने अपने गर्दिश के दिनों में जब इससे पैसा वापस लौटाने को कहा तो इस भू माफिया ने इसके पीछे जेल में ही अपराधी लगा दिये। सूत्रों ने बताया है कि इतना ही जहां जेल में बंद डाक्टर के परिजन जब डाक्टर को जेल से बाहर निकालने के लिए ऐड़ी से चोटी का जोर लगाए हुए थे वहीं उसी दौरान यह भू-माफिया उसे से बाहर न निकलने देने का तानाबाना बुन रहा था। इसकी पुष्टि डाक्टर के परिजनों तथा मित्रों ने भी उस समय की थी।
उत्राखण्ड बनने के बाद राजधानी सहित आरसपास के क्षेत्रों में जमीन के रेटों में आये उछाल के बाद पश्चिमी यूपी के बदमाशों इस भू-माफिया के साथ मिलकर देहरादून व आसपास के क्षेत्रों की तमाम विवादित जमीनों पर कही जबरन क?जे तथा कहीं परिजनों के विवाद का फायदा उठाते हुए औने-पौने दामों पर खरीद कर ऐसी सम्पत्तियों पर अपने क?जे करने शुरू कर दिये। सूत्रों के अनुसार इनके इस खेल में इनके साथ कुछ राजनीतिज्ञों और आलाधिकारियों ने भी मदद की है। अब तो वेस्टर्न यूपी के बदमाशों ने दून में अपने आशियाने तक बनाने शुरू कर दिये हैं। बताया जाता है कि कुख्यात बदमाश सुशील मूंछ, जितेन्द्र सिराही समेत कई बदमाशों की देहरादून में करोड़ों की सम्पत्ति है। जिनकी देखरेख ये भू माफिया ही करते हैं। वहीं बीते कुछ सालों के भीतर देहरादून, हरिद्वार तथा ऋषिकेश आदि स्थानों पर आपसी रंजिश के चलते तथा भूमि विवादों को लेकर कई हत्याएं भी हो चुकी हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बदमाशों ने अब राजधानी के बीचोंबीच अब बगंले बना लिए हैं। लेकिन पुलिस सब कुछ जानते हुए भी खामोश बैठी है और इनके इस तरह के कारनामों से देहरादून का ंफिजा खराब हो रही है ।
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